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विश्वनाथन आनंद ने 'पीढ़ियों की टक्कर' मैच में फॉस्टिनो ओरो को 2–0 से हराया

by Niklesh Jain - 04/06/2025

इटली के खूबसूरत शहर पिएत्रासांता में ला वेर्सिलियाना में आयोजित ऐतिहासिक मुकाबले “पीढ़ियों की टक्कर” में भारत के पाँच बार के विश्व चैम्पियन विश्वनाथन आनंद ने अर्जेंटीना के 11 वर्षीय बाल प्रतिभा फॉस्टिनो ओरो को 2–0 से पराजित किया। खेल वैसे तो एकतरफा ही रहा पर ऑरो नें इस उम्र में भी इतने बड़े खिलाड़ी के सामने इस मुक़ाबले को पूरी शालीनता और एकाग्रता के साथ खेला और यकीनन तौर पर आने वाले समय में यह मुक़ाबला एक ऐतिहासिक महत्व रखेगा । पहले खेल में आनंद नें सफ़ेद मोहरो से बाजी अपने नाम की तो दूसरे मुक़ाबले में वह काले मोहरो से जीतने में कामयाब रहे । आनंद नें दोनों ही मुकाबलों में पूरे समय तेज खेलते हुए ऑरो पर दबाव डाला । कार्यक्रम का उदघाटन जब इन दोनों खिलाड़ियों को एक खास तरह की बग्घी में बैठाकर मैच स्थल तक लाया गया ।सबसे पहले चेस रोड्स फेस्टिवल के तहत दुनिया भर के चुने हुए सैंकड़ों साल पुराने से लेकर आज के समय के कुछ बेशकीमती शतरंज बोर्ड की प्रदर्शनी का उदघाटन आनंद - ऑरो , महान गायक और विश्व प्रसिद्ध संगीतकार आंद्रे बोचेली नें किया । मैच के बाद दोनों खिलाड़ियों नें खास मेहमानो के साथ साइमल शतरंज खेला जिसमें आनंद और ऑरो दोनों नें आधे आधे खिलाड़ियों का सामना किया और सभी मुक़ाबले अपने नाम किए । इस इतिहासिक कार्यक्रम को आने वाले समय में शतरंज के बेहद खस्स आयोजनो में याद किया जाएगा । पढे पूरा लेख 

घोड़े की बग्घियों में सवार होकर पहुँचे खिलाड़ी – शतरंज उत्सव की शाही शुरुआत

1 जून 2025 को इटली के पिएत्रासांता में आयोजित चेस रोड्स शतरंज महोत्सव की शुरुआत एक भव्य और सांस्कृतिक शोभायात्रा के साथ हुई। इस विशेष अवसर पर खिलाड़ियों और गणमान्य अतिथियों ने घोड़े से जुड़ी पारंपरिक बग्घियों में बैठकर कार्यक्रम स्थल विला ला वर्सिलियाना तक यात्रा की।

यह शोभायात्रा पिएत्रासांता और फोर्ते देई मार्मी के रास्तों से होकर गुजरी, जिसने पूरे आयोजन को एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक आयाम दिया। इस अनोखे स्वागत ने दर्शाया कि यह आयोजन केवल एक खेल प्रतियोगिता नहीं, बल्कि कला, परंपरा और इतिहास का उत्सव है।

बग्घियों की यह यात्रा न केवल दर्शकों के लिए एक आकर्षण रही, बल्कि इसने शतरंज जैसे बौद्धिक खेल को भी राजसी सम्मान के साथ प्रस्तुत किया। यह दृश्य आयोजन की भव्यता और इटली की सांस्कृतिक विरासत को बखूबी दर्शाता है।

चेस रोड्स – प्रदर्शनी का हुआ उदघाटन 

मैच शुरू होने के ठीक पहले 40 बेशकीमती शतरंज बोर्डों की प्रदर्शनी का भव्य उद्घाटन किया गया। इस ऐतिहासिक प्रदर्शनी का उद्घाटन पाँच बार के विश्व शतरंज चैम्पियन विश्वनाथन आनंद, 11 वर्षीय अर्जेंटीनी बाल प्रतिभा फॉस्टिनो ओरो, विश्वविख्यात संगीतकार आंद्रे बोचेली, तथा ला वर्सिलियाना फाउंडेशन की अध्यक्ष पाओला रोवेलिनी ने संयुक्त रूप से किया।

इस अवसर पर कई प्रमुख हस्तियाँ भी मौजूद रहीं, जिनमें शामिल थे — विश्व शतरंज संघ (FIDE) के अध्यक्ष आर्कडी द्वोर्कोविच, कज़ाकिस्तान शतरंज महासंघ के अध्यक्ष तीमुर तुरलोव, इटालियन शतरंज महासंघ के अध्यक्ष लुइगी मागी, ला वर्सिलियाना की अध्यक्ष पाओला रोवेलिनी, पिएत्रासांता के महापौर अल्बेर्टो स्तेफानो जियोवान्नेत्ती, तथा यूनिचेस के अध्यक्ष ग्रैंडमास्टर रोबर्टो मोग्रांजिनी।

यह प्रदर्शनी केवल शतरंज से जुड़ा एक खेल आयोजन बस नहीं है , बल्कि शतरंज की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और कलात्मक विरासत का उत्सव है, जिसमें एशिया और यूरोप से एकत्र किए गए 1700 ईस्वी से लेकर वर्तमान समय तक के दुर्लभ और कलात्मक शतरंज सेट प्रदर्शित किए जा रहे हैं।


आनंद - ऑरो मैच आनंद नें जीता पहला मुक़ाबला बनाई बढ़त : और इसके बाद शुरू हुआ बहुप्रतीक्षित मैच ,पाँच बार के विश्वनाथन आनंद नें जैसा की मैच के बाद भी कहा की यह मैच रेटिंग के अंतर के बारे में नहीं था क्यूंकी आज के दौर में रेटिंग का अंतर मापना काफी मुश्किल है “ आनंद और ऑरो नें बेहद पेशावर अंदाज मे यह मुक़ाबला खेला । सफ़ेद मोहरो से खेलते हुए आनंद नें पहली बाजी में राय लोपेज ओपनिंग से खेल की शुरुआत की जहां पर 15वीं चाल तक दोनों खिलाड़ी  संतुलित खेल रहे थे पर इसके बाद ऑरो नें अपने घोड़े की एक चला से आनंद को आने काले रंग के ऊंट की अदला बदली करने का मौका दिया और उनके राजा के हाथी के समेन से प्यादा हटते ही आनंद नें ऑरो पर दबाव बनाना शुरू कर दिया

हालांकि कुछ बढ़त बनाने के बाद भी 40चालों तक खेल बराबर ही पर आनंद के कोने के बढ़ते प्यादे से ऑरो पर दबाव बढ़ रहा था आखिरकार 40वीं चाल में उन्होने घोड़े की चाल से बड़ी चूक की और उसके बाद के एंडगेम में आनंद नें खेल पूरी तरह अपने नाम कर लिया 57 चालों में पहली जीत दर्ज करते हुए 1-0 की बढ़त हासिल कर ली । इस खेल के मध्य और एंडगेम में आनंद साफ़तौर पर ऑरो से बहुत बेहतर नजर आए । 


फीडे प्रेसिडेंट नें किया दूसरे खेल का उदघाटन : विश्व शतरंज के अध्यक्ष आर्कडी द्वोर्कोविच नें ऑरो के लिए पहली चाल चलकर किया । दूसरे खेल में ऑरो नें अपने राजा के पड़े को दो घर चलकर खेल की शुरूआत की , मैच को बराबर रखने  के लिए ऑरो को हर हाल में जीतना जरूरी था और आनंद के लिए ड्रॉ भी उनकी ख़िताबी जीत तय कर देता..

..आनंद नें फ्रेंच ओपनिंग खेलकर जबाब दिया एक बार फिर इस खेल में राजा के पास की एफ़ फाइल का खुलना आनंद के लिए दबाव बनाने का जरिया साबित हुआ , खेल की 30वीं चाल आते आते आनंद का वजीर और हाथी ऑरो के राजा की ओर के हिस्से में थे जबकि ऑरो आनंद के वजीर के हिस्से में कुछ करने का प्रयास कर रहे थे और केंद्र पूरी तरह से प्यादो से बंद होने से मोहोरो की आवा जाही एक हिस्से से दूसरे हिस्से मे मुश्किल थी और ऐसे में खेल की 37वीं चाल में एक बड़ी गलती हुई और इसके बाद खेल आनंद नें आसानी नें 48 चालों  में अपने नाम कर लिया और इस इतिहासिक मुक़ाबले को 2-0 से अपने नाम कर दिया । 

आनंद का जीतना कोई बड़ी बात नहीं थी क्यूंकी उनके और ऑरो के बीच फिलहाल फासला बहुत ज़्यादा है और यह नजर भी आया पर ऑरो के लिए पाँच बार के विश्व चैम्पियन से मंच साझा करना एक बड़ा मौका था जो उन्हे इस प्रतिस्पर्धी शतरंज की दुनिया में कदम जमाने में मदद करेगा । आनंद के सामने खेलना एक दबाव भी रहा होगा पर ऑरो नें खुद की भावनाओं को बखुभी सम्हाला और यह उनके अंदर के आत्मविश्वास को दिखाता है । दूसरे खेल के बाद आनंद और ऑरो नें खेल में क्या हुआ उसके बारे में काफी देर तक बातचीत की और यह नन्हें ऑरो के लिए एक फैन वाला लम्हा भी रहा होगा । 


20 विशिष्ट मेहमानों के साथ आनंद और ऑरो नें खेली बाज़ियाँ ! 

मुख्य मुकाबले में विश्वनाथन आनंद द्वारा फॉस्टिनो ओरो को 2–0 से हराने के बाद, दोनों खिलाड़ियों ने मिलकर एक विशेष सिमल्टेनियस शतरंज प्रदर्शन  में भाग लिया। इस सिमुल में कुल 20 विशिष्ट मेहमानों ने हिस्सा लिया, जिनमें से 10 बोर्डों पर आनंद ने और 10 बोर्डों पर ओरो ने मुकाबले खेले।

खास बात यह रही कि दोनों ही खिलाड़ियों ने अपने-अपने सभी मुकाबले जीतकर शत-प्रतिशत स्कोर किया,

सिमुल के बाद, आयोजन एक और खूबसूरत पल का साक्षी बना — सभी प्रतिभागियों ने अपने-अपने शतरंज बोर्डों पर आनंद और ओरो दोनों से ऑटोग्राफ लिए। आयोजन स्थल पर लोगों की कतारें लग गईं, खासतौर पर आनंद के साथ तस्वीर लेने और कुछ पल बातचीत करने के लिए। आनंद का शांत, सहज और प्रेरणादायी व्यक्तित्व हर दर्शक को अपनी ओर खींचता है, और यही वजह रही कि हर उम्र के प्रशंसक उनके साथ फोटो खिंचवाने और उन्हें करीब से अनुभव करने का प्रयास करते दिखे। यह दृश्य न केवल एक खेल आयोजन था, बल्कि शतरंज के प्रति जुनून और खिलाड़ियों के प्रति सम्मान का जीवंत उदाहरण बन गया।

इस ऐतिहासिक आयोजन की सफलता कई प्रमुख व्यक्तित्वों के समन्वित प्रयासों का परिणाम रही। यूनिचेस अध्यक्ष ग्रैंडमास्टर रोबर्टो मोग्रांजिनी ने इस पूरे आयोजन की परिकल्पना और योजना में केंद्रीय भूमिका निभाई। आंद्रे बोचेली, जो एक प्रख्यात सांस्कृतिक हस्ती होने के साथ-साथ शतरंज प्रेमी भी हैं, ने न केवल इस कार्यक्रम की मेज़बानी की बल्कि सिमुल में भी भाग लेकर इसमें एक अनोखा कलात्मक आयाम जोड़ा। वहीं ला वर्सिलियाना फाउंडेशन की अध्यक्ष पाओला रोवेलिनी ने इस आयोजन को क्षेत्रीय सांस्कृतिक आत्मा से जोड़े रखने का कार्य किया। इन सभी की भूमिका ने पीढ़ियों की टक्कर और चेस रोड्स को शतरंज का एक वैश्विक और यादगार उत्सव बना दिया।



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